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अजवाइन खाने से सीने की जलन में लाभ (Ajwain Helps to Treat Heartburn in Hindi)

सदियों से दादी-नानी के घरेलू नुस्ख़ों में एसिडिटी, पेट में जलन आदि समस्याओं के लिए अजवाइन (ajwain ke fayde in hindi) का प्रयोग किया जाता रहा है।

  • अधिक तीखा भोजन करने के बाद छाती में जलन की परेशानी हो जाती है। ऐसे में 1 ग्राम अजवाइन, और बादाम की 1 गिरी को खूब चबा-चबा कर, या पीस कर खाएं। इससे फायदा होता है।
    • 2 ग्राम अजवाइन तथा आधा ग्राम छोटी पिप्पली का काढ़ा बना लें। इसे 5 से 10 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे खांसी-बुखार ठीक होते हैं।
    • अगर खांसी पुरानी हो गई हो, और पीला (दुर्गन्धमय) कफ निकल रहा हो। इसके साथ ही पाचन-क्रिया मन्द पड़ गई हो, तो 25 मिली अजवाइन का काढ़ा बना लें। इसे दिन में 3 बार लेने से लाभ होता है।
    • पुदीना का रस या 10 ग्राम पुदीना के फूल के साथ 10 ग्राम अजवाइन का रस लें। इसे 10 ग्राम देसी कपूरकपूर के फायदे )के साथ एक साफ शीशी में डालकर अच्छे से बंद कर लें। इसे धूप में रखें। कुछ देर बाद तीनों चीजें मिलकर एक दवा का रूप ले लेगी। यह दवा अनेक बीमारियों में काम आती है। यह सर्दी-जुकाम, कफ, सिर दर्द आदि रोगों में बहुत फायदेमंद होता है। इसी औषधि में थोड़ा बदलाव किया जाता है, तो यह दिव्यधारा नाम की औषधि बन जाती है।
      • सर्दी-जुकाम को ठीक करने के लिए 200 से 250 ग्राम अजवाइन को मलमल के कपड़े में बांध लें। इसे पोटली बनाकर तवे पर गर्म कर लें। इसे सूंघें। इससे सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है।
      • केवल अजवाइन का काढ़ा बनाकर पीने (ajwain khane ke fayde)से सर्दी-जुकाम में लाभ होता है।
      • 2-3 ग्राम अजवाइन के चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध के साथ पिएं। इसे दिन में दो-तीन बार सेवन करना है। इससे जुकाम, खांसी तथा सिर दर्द में लाभ होता है।
      • इसके अलावा आप 1 ग्राम अजवाइन, 1 ग्राम सोंठ, तथा 2 नग लौंग को 200 मिली पानी में पकाएं। जब पानी एक चौथाई (¼) बच जाए तो पानी को छानकर पिएं। इससे जुकाम व सर्दी में लाभ होता है।
      • कफ वाली खांसी हो, और कफ अधिक निकलता हो, या फिर बार-बार खांसी आती हो तो, 125 मिग्रा अजवाइन के रस में 2 ग्राम घी, और 5 ग्राम शहद मिला लें। इसे दिन में 3 बार खाएं। इससे कफ वाली खांसी में लाभ होता है।
      • इसी तरह 2 ग्राम मुलेठी और 1 ग्राम चित्रक-जड़ का काढ़ा बना लें। इसमें 1 ग्राम अजवाइन मिलाकर रात में सेवन (ajwain khane ke fayde) करें। इससे खांसी में लाभ होता है।
      • 5 ग्राम अजवाइन को 250 मिली पानी में पकाएं। जब पानी (Ajwain water) आधा हो जाए, तो इसे छानकर नमक मिला लें। इसे रात को सोते समय पिएं। इससे खांसी में लाभ मिलता है। सर्दी-जुकाम होने पर 3-4 बूंद दिव्यधारा, रुमाल में डालकर सूंघें। इसके अलावा, आप दिव्यधारा की 4-5 बूंद को गर्म पानी में डालकर भांप के रूप में भी ले सकते हैं। इससे लाभ होता है। अगर कोई पेट संबंधी रोगों से परेशान रहता है, तो उसे 1 भाग अजवाइन, आधा भाग काली मिर्च, और सेंधा नमक को मिलाकर पीस ले

        अजवाइन के सेवन से पाचनतंत्र विकार से राहत (Ajwain Improves Digestive System in Hindi)

        अगर किसी को पाचन शक्ति को बेहतर बनाना है तो अजवाइन के औषधीय गुणों (ajwain ke fayde) से लाभ उठाने की ज़रूरत है।

        • अगर किसी व्यक्ति का पाचनतंत्र सही नहीं रहता हो, तो उसे 80 ग्राम अजवाइन, 40 ग्राम सेंधा नमक, 40 ग्राम काली मिर्च, 40 ग्राम काला नमक, 500 मिग्रा यवक्षार लेना चाहिए। इन्हें 10 मिली कच्चे पपीते के दूध (पापेन) में महीन पीस लेना है। इसे कांच के बर्तन में भर लें, और 1 ली नींबू का रस इसमें डालकर धूप में रख दें। इसे बीच-बीच में हिलाते रहें। 1 महीने बाद जब यह बिल्कुल सूख जाए, तो सूखे चूर्ण को 2 से 4 ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन करें। इससे पाचन-शक्ति स्वस्थ होती है, तथा अपच, अमाशय संबंधी रोग, और बार-बार दस्त होने की बीमारी में लाभ (ajwain benefits) होता है। अजवाइन के गुण सिर्फ पाचन में ही नहीं दूसरे बीमारियों में भी फायदेमंद होता है।
        • 1 ग्राम अजवाइन को इन्द्रायण के फलों में भरकर रख दें, जब यह सूख जाए तब बारीक पीस लें। इसमें अपनी इच्छानुसार काला नमक मिलाकर रख लें। इसे गर्म जल से सेवन करें। इसके प्रयोग से पेट संबंधित सभी विकारों से आराम मिलता है।
        • 1.5 लीटर जल को आग पर रखें। जब पानी पूरी तरह उबलकर 1.25 लीटर रह जाय, तब नीचे उतार लें। इसमें आधा किलोग्राम पिसी हुई अजवाइन डालकर ढक्कन बंद कर दें। जब यह ठंडा हो जाय तो छानकर बोतल में भर कर रख लें। इसे 50-50 मिली दिन में 3 बार सेवन करें। इसके प्रयोग से पेट के पाचन-तंत्र संबंधी विकार ठीक होते हैं।
        • 1 किलोग्राम अजवाइन में, 1 लीटर नींबू का रस और पांचों नमक 50-50 ग्राम लें। इन्हें कांच के बरतन में भरकर रख दें। इसे दिन में धूप में रख दिया करें। जब रस पूरी तरह सूख जाय तब दिन में दो बार 1-4 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे पेट सम्बन्धी बीमारियां ठीक होती हैं।

        अजवाइन के इस्तेमाल से हाजमा होता है बेहतर (Ajwain Boost Digestion in Hindi)

        अजवाइन के गुण (ajwain ke fayde)  हजम शक्ति बढ़ाने में बहुत मदद करती है। बस इसको सेवन करने का सही मात्रा और तरीका पता होना ज़रूरी होता है।

        • जिस भी व्यक्ति को दूध ठीक से ना पचता हो, उसे दूध पीने के बाद थोड़ी अजवाइन खा लेनी चाहिए।
        • यदि गेहूं का आटा, मिठाई आदि ना पचता हो तो उसमें अजवाइन के चूर्ण को मिलाकर खाने से फायदा होता है।
        • पाचन-क्रिया खराब हो गई हो, तो 25 मिली अजवाइन के काढ़ा को दिन में 3 बार पिलाने से लाभ होता है।

        एसिडिटी की परेशानी में अजवाइन का इस्तेमाल (Ajwain Helps to Deal with Acidity in Hindi)

        एसिडिटी के परेशानी से राहत पाने के लिए अजवाइन के फायदे (ajwain ke fayde) का सही तरह से उपयोग करना ज़रूरी होता है।

        • अक्सर बाहर का कुछ उल्टा-सीधा खा लेने पर खट्टी डकारें, और पेट में गुड़गुड़ाहट जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसके लिए आप 250 ग्राम अजवाइन को 1 लीटर गौमूत्र में भिगोकर रख लें। इसे 7 दिन तक छाया में सुखा लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे जलोदर, खट्टी डकारें आना, पेट दर्द, पेट में गुड़गुड़ाहट आदि रोगों में लाभ होता है।
        • अजवाइन को बारीक पीसकर, उसमें थोड़ी मात्रा में हींग मिला लें। इसका लेप बना लें। इसे पेट पर लगाने से पेट के फूलने, और पेट की गैस आदि परेशानियों में तुरंत लाभ होता है।
        • वचा, सोंठ, काली मिर्च तथा पिप्पली से काढ़ा बना लें। इस चूर्ण को खाने से (ajwain khane ke fayde) पैट की गैस की समस्या ठीक होती है।
        • समान मात्रा में अजवाइन, सेंधा नमक, सौवर्चल नमक, यवक्षार, हींग, और सूखे आंवला लें। इनका चूर्ण बनाकर रख लें। इस चूर्ण को 2-3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करें। इससे डकार की परेशानी ठीक होती है।

        अजवाइन के उपयोग से उल्टी-दस्त पर रोक (Ajwain is Beneficial to Treat Vomiting and Diarrhea in Hindi)

        • उल्टी और दस्त से परेशान हैं, तो दिव्यधारा की 3-4 बूंदे, बतासे या गुनगुने जल में डालकर लें। अगर एक बार में फायदा ना हो, तो थोड़ी-थोड़ी देर में 2-3 बार दे सकते हैं।
        • 3 ग्राम अजवाइन, और 500 मिग्रा नमक को ताजे पानी के साथ सेवन करें। इससे दस्त (diarrhea) में तुरन्त लाभ होता है। अगर एक बार में आराम ना हो, तो अजवाइन के इस पानी (ajwain water) को 15-15 मिनट के अन्तर पर 2-3 बार लें।

        अजवाइन के प्रयोग से पेट दर्द से राहत (Benefits of Ajwain in Treating Abdominal Pain in Hindi)

        अजवाइन के फायदे (ajwain benefits in hindi)  का सही तरह से लाभ पाने के लिए सेवन करने के सही तरीका भी पता होना चाहिए।

        • अजवाइन, सेंधा नमक, हरड़. और सोंठ के चूर्ण को बराबर-बराबर मात्रा में मिला लें। इस चूर्ण को 1 से 2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट का दर्द ठीक होता है।
        • पेट में मरोड़े या दर्द की स्थिति में, 3-4 बूंद दिव्यधारा को बतासे में डालकर देने से तुरन्त लाभ होता है।
        • पेट का दर्द, पेट फूलना आदि पेट संबंधी विकारों में 10 ग्राम अजवाइन, 6 ग्राम छोटी हरड़ लें। इन्हें 3-3 ग्राम घी में भुनी हुई हींग, और 3 ग्राम सेंधा नमक के साथ चूर्ण बना लें। इसे 2 ग्राम की मात्रा में थोड़े गुनगुने पानी के साथ दिन में तीन बार सेवन करें।

        ना है। इसे गुनगुने जल के साथ, 1-2 ग्राम की मात्रा में लेना है। सुबह-शाम सेवन करने से पेट संबंधी रोग ठीक होते हैं।

        मासिक धर्म की रुकावट में अजवाइन से फायदा (Ajwain is Beneficial in Menstrual Health in Hindi)

        • अजवाइन, मासिक धर्म रुकावट जैसी परेशानी में भी असरदार होता है। आप 10 ग्राम अजवाइन, और 50 ग्राम पुराने गुड़ को 400 मिली जल में पका लें। इसे सुबह-शाम सेवन करें। इससे गर्भाशय की गंदगी साफ होती है, और मासिक धर्म संबंधी विकार भी ठीक होते हैं।
        • इसी तरह 3 ग्राम अजवाइन के चूर्ण को गर्म दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे भी मासिक धर्म में लाभ होता है।

        सर्दी-जुकाम में अजवाइन का उपयोग लाभदायक (Uses of Ajwain to Treat Cold and Cough in Hindi)

    • खांसी और बुखार में अजवाइन से फायदा (Benefits of Ajwain in Cough and Fever Problem in Hindi)

      अगर आप खांसी और बुखार से पीड़ित हैं, तो इन रोगों को ठीक करने के लिए अजवाइन का उपयोग (ajwain ke fayde in hindi)कर सकते हैं। इसके लिए आपको ये तरीका आजमाना है

  • पेट में कीड़े होने पर अजवाइन का उपयोग (Ajwain Helps to Deal with Intestinal Worms in Hindi)

    • अजवाइन के 3 ग्राम महीन चूर्ण को दिन में दो बार छाछ के साथ सेवन करें। इससे आंत के हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं।
    • अजवाइन के 2 ग्राम चूर्ण को काला नमक के साथ सुबह-सुबह सेवन करें। इससे अपच, गठिया, पेट के कीड़ों के कारण होने वाली पेट की बीमारियां जैसे- पेट फूलना, तथा पेट दर्द, पाचन-तंत्र की कमजोरी, एसिडिटी आदि ठीक होती हैं।

    अजवाइन के इस्तेमाल से शिशुओं को पेट दर्द से मिले राहत (Ajwain Heals Infant’s Stomach Pain in Hindi)

    कई बार छोटे बच्चों को पेट में दर्द जैसी परेशानी हो जाती है। इस परेशानी में बारीक साफ कपड़े के अन्दर अजवाइन को रख लें। इसे शिशु के मुंह में चटाएं। इससे शिशु के पेट का दर्द तुरन्त ठीक हो जाता है।

    बच्चे बिस्तर पर पेशाब करते हैं तो करें अजवाइन का प्रयोग (Ajwain is Beneficial in Bed Wetting Problem in Hindi)

    जो बच्चे बिस्तर गीला कर देते हैं, उन्हें रात में 500 मिग्रा अजवाइन खिलाएं। इससे फायदा हो सकता है।

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    बच्चों के पेट में कीड़े हैं तो कराएं अजवाइन का सेवन (Ajwain Helps to Treat Intestinal Worms in Hindi)

    अक्सर ऐसा देखा जाता है कि छोटे बच्चों के पेट में कीड़े हो जाते हैं। इसके कारण बच्चों को पेट संबंधी कई तरह की परेशानियों हो जाती हैं। इस बीमारी में अजवाइन के 500 मिग्रा चूर्ण लें, और इतना ही काला नमक मिला लें। इसे रात के समय गुनगुने जल के साथ सेवन कराएं। इससे आराम मिलता है।

    कान दर्द से राहत के लिए अजवाइन का उपयोग (Ajwain Help to Get Relief from Ear Pain in Hindi)

    अगर कोई कान के दर्द से परेशान रहता है, तो उसे 10 ग्राम अजवाइन को 50 मिली तिल के तेल में पका लेना है। इसे छानकर रख लेना है। इस तेल को गुनगुना कर, 2-2 बूंद कान में डालें। इससे कान का दर्द ठीक होता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

    प्रसव (डिलिवरी) के बाद अजवाइन के उपयोग से फायदा (Ajwain Benefits in Post Pregnancy  Pain in Hindi)

    • प्रसव के बाद प्रायः महिलाओं को शरीर में दर्द की शिकायत होती है। इस स्थिति में महिलाओं को भूख भी कम लगती है। ऐसे में महिलाओं को हल्का भोजन करने को कहा जाता है, ताकि अन्न का पाचन सही से हो पाए। प्रसव के बाद बहुत सालों से, अजवाइन को दवा के रूप में महिलाएं प्रयोग करती आ रही हैं। महिलाओं को अजवाइन का सेवन करने से ना सिर्फ गर्भाशय संबंधी विकारों से राहत मिलती है, बल्कि प्रसव के बाद की पीड़ा से भी आराम (ajwain benefits in hindi) मिलता है।
    • महिलाओं को अजवाइन का लड्डू, या लड्डू जैसा चूर्ण बना लेना है। भोजन के बाद 2 ग्राम इस चूर्ण का सेवन करना है। इससे आंतों के हानिकारक कीड़े खत्म होते हैं, और रोगों से बचाव होता है।

    डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए अजवाइन का प्रयोग (Ajwain Help to Control Diabetes in Hindi)

    पतंजलि के अनुसार, अजवाइन के इस्तेमाल से अनेक लाभ होते हैं, इन्हीं में से एक है मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करने में मदद करना। इसके लिए 3 ग्राम अजवाइन को 10 मिली तिल के तेल के साथ दिन में सेवन करें। आपको दिन में तीन बार सेवन करना है।

    शरीर के दर्द में अजवाइन के लेप से मिले राहत (Benefits of Ajwain in Body Pain Treatment in Hindi)

    • शरीर में दर्द है तो अजवाइन को पानी (ajwain water) में पीसकर, लेप के रूप में लगाएं। दर्द वाले अंग को धीरे-धीरे सेक लें।। इससे लाभ होगा।
    • अजवाइन को आग पर डाल कर, उसके धुएं से सेकाई करने पर भी शरीर का दर्द दूर होता है।

    नपुंसकता, शीघ्रपतन और शुक्राणु की कमी में अजवाइन से लाभ (Ajwain Helps for Sperm Quantity and Premature Ejaculation in Hindi)

    3 ग्राम अजवाइन में 10 मिली सफेद प्याज का रस, तथा 10 ग्राम शक्कर मिला लें। इसे दिन में तीन बार सेवन करें। 21 दिन में पूरा लाभ होता है। इस प्रयोग से नपुंसकता, शीघ्रपतन की समस्या, और शुक्राणु की कमी में लाभ होता है।

    दाद, फुन्सी, खुजली आदि चर्म-रोगों में अजवाइन से लाभ (Ajwain Help to Treat Skin Diseases in Hindi)

    अजवाइन का गाढ़ा लेप करने से दाद, खुजली, संक्रमण वाले घाव में लाभ होता है। अजवाइन को उबलते हुए जल में डाल दें। इसके घुल जाने के बाद छान लें। इसे ठंडा करके घावों को धोएं। इससे दाद, फुन्सी, गीली खुजली आदि चर्म रोगों में लाभ होता है।

    पित्ती उछलने (त्वचा पर लाल रंग के दाने वाला रोग) पर अजवाइन का इस्तेमाल (Ajwain Benefits in Hives in Hindi)

    50 ग्राम अजवाइन को 50 ग्राम गुड़ के साथ अच्छी प्रकार कूट लें। इसकी 1-1 ग्राम की गोली बना लें। 1-1 गोली सुबह-शाम ताजे पानी के साथ लें। इससे एक सप्ताह में ही शरीर पर फैली हुई पित्ती (शीत पित्त) दूर हो जाएगी। इसके सेवन से बार-बार पेशाब आने की बीमारी में भी लाभ होता है।

    पेशाब संबंधी परेशानियों में अजवाइन से लाभ (Benefits of Ajwain in Urinary Problems in Hindi)

    अगर किसी को पेशाब संबंधी समस्या रहती है, तो उसे 2 से 4 ग्राम अजवाइन को गर्म पानी के साथ लेना चाहिए। इससे पेशाब संबंधी परेशानी ठीक होती है।

    बुखार उतारने के लिए अजवाइन का उपयोग (Ajwain Help to Treat Fever in Hindi)

    • जो कोई अपच की वजह से बुखार से पीड़ित है, तो उसे रात में 10 ग्राम अजवाइन को 125 मिली जल में भिगो देना है। इसको मसलने के बाद छानकर पीना है। सुबह-शाम पीने से बुखार उतर जाता है।
    • इंफ्लुएंजा (शीतज्वर) में 2 ग्राम अजवाइन सुबह-शाम खिलाएं। इससे फायदा होता है।
    • अगर बुखार में पसीना अधिक निकल रहा है, तो 100 से 200 ग्राम अजवाइन को भून लें। इसे महीन पीसकर शरीर पर लगाएं। इससे फायदा होता है।

    मलेरिया बुखार में अजवाइन के इस्तेमाल से लाभ (Ajwain Help to Treat Malaria in Hindi)

    मलेरिया बुखार हो तो रात में 10 ग्राम अजवाइन को,  100 मिली जल में भिगों दें। सुबह पानी (benefits of ajwain water) गुनगुना कर जरा-सा नमक डालकर, कुछ दिन तक सेवन करें।

    शराब पीने की आदत छुड़ाने में अजवाइन मददगार (Ajwain Help to Treat Alcoholism in Hindi)

    • जब शराब पीने की इच्छा हो, और रोका ना जा सके, तो 10-10 ग्राम अजवाइन को दिन में 2-3 बार चबाएं। इससे शराब पीने की इच्छा में कमी आती है।
    • आधा किलो अजवाइन को 4 लीटर पानी में पकाएं। जब पानी आधा से भी कम रह जाए तो छानकर शीशी में भरकर रख लें। जो शराब छोड़ना चाहते हैं, वे लोग इस काढ़ा को भोजन से पहले 1 कप पिएं। यह बहुत ही अधिक फायदेमंद (benefits of ajwain water) होता है।

    अजवाइन के सेवन से हैजा से मिले राहत (Ajwain Help to Get Relief in Cholera in Hindi)

    हैजा में अमृतधारा की 4-5 बूंद विशेष रूप से गुणकारी मानी जाती है। दिव्यधारा को हैजे की शुरुआती अवस्था में देने से तुरन्त लाभ होता है। एक बार में आ

    चोट लगने पर करें अजवाइन का इस्तेमाल (Uses of Ajwain in Injury in Hindi)

    किसी भी प्रकार की चोट लगी हो तो कपड़े का दो तह बना लें। इसकी पोटली बना लें, और 50 ग्राम अजवाइन को इसमें रखकर गर्म कर लें। इसे चोट लगने वाले स्थान (1 घंटे तक) पर रखें। इससे आराम मिलता है। चोट को ठीक करने के लिए अजवाइन की सेकाई एक रामबाण औषदि है।

    सुजाक में लाभप्रद अजवाइन का प्रयोग (Benefits of Ajwain in Gonorrhea Treatment in Hindi)

    अजवाइन (ajwain benefits in hindi) के तेल की 3 बूंद को 5 ग्राम शक्कर में मिला लें। इसे सुबह और शाम सेवन करें। इससे सुजाक में लाभ होता है।

    पैरों में कांटा चुभने पर अजवाइन का प्रयोग (Ajwain Uses for Removing Thorn in Hindi)

    अगर पैर में कांटा चुभ गया है, तो पिघले हुए गुड़ में 10 ग्राम पिसी हुई अजवाइन मिला लें। इसे थोड़ा गर्म करके कांटा वाले स्थान पर बांध दें। इससे कांटा अपने आप निकल जाएगा।

    बवासीर में फायदेमंद अजवाइन (Ajwain is beneficial in Hemorrhoids or Piles in Hindi)

    बवासीर में लाभ लेने के लिए अजवाइन में सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें। इससे पेट का फूलना, तथा बवासीर में लाभ होता है।

    किडनी (गुर्दे) की दर्द की समस्या में अजवाइन का सेवन (Ajwain Help to Deal with Kidney Problem in hind)

    पतंजलि के अनुसार, जिस किसी व्यक्ति को किडनी में दर्द संबंधी परेशानी हो, उसे 3 ग्राम अजवाइन के चूर्ण को सुबह-शाम, गर्म दूध के साथ लेना है। इससे लाभ होता है।

    कीटों के काटने पर अजवाइन का प्रयोग फायदेमंद (Ajwain Help to Treat in Insect Biting in Hindi)

    बिच्छू, ततैया, भंवरी, मधुमक्खी जैसे जहरीले कीटों के काटने पर भी दिव्यधारा को लगाने से आराम मिलता है। अजवाइन के पत्तों (ajwain leaves) को पीसकर भी लगाने से लाभ होता है।

    जूं (लीख) निकालने में अजवाइन का प्रयोग फायदेमंद (Benefits of Ajwain in Lice Problem in Hindi)

    अगर आप भी जुओं की समस्या से परेशान हैं तो अजवाइन के गुण से उसका उपचार कर सकते हैं। इसके लिए 10 ग्राम अजवाइन के चूर्ण में 5 ग्राम फिटकरी मिलाएं, और इसे दही या छाछ में मिलाकर बालों में लगाएं। इससे लीखें तथा जूं मर जाती हैं।

    अजवायन के उपयोगी भाग (Useful Parts of Ajwain)

    • आप अजवाइन की बीज (ajwain seeds) का उपयोग कर सकते हैं।
    • इसके साथ ही अजवाइन के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

    अजवायन का सेवन कैसे करें?(How to Use Ajwain in Hindi?)

    अगर आप बीमारी में लाभ पाने के लिए अजवाइन का औषधीय प्रयोग करना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से जानकारी जरूर लें।

    अजवायन के नुकसान (Ajwain Side Effects in Hindi)

    पतंजलि के अनुसार, अजवाइन के इतने फायदे हैं, तो कुछ स्थिति में अजवाइन के नुकसान होने की भी संभावना रहती है, जो ये हैंः-

    • हमेशा ताजी अजवाइन को ही उपयोग में लाना चाहिए, क्योंकि पुरानी हो जाने पर इसका तैलीय अंश खत्म हो जाता। तैलीय अंश के खत्म होने से इसका पूरा फायदा नहीं मिलता।
    • काढ़ा के स्थान पर, रस का प्रयोग करना बेहतर होता है।
    • अजवाइन का अधिक सेवन करने से सिद दर्द की शिकायत हो सकती है।

    इसलिए अजवाइन के नुकसान या दुष्प्रभाव (ajwain side effects) से बचने के लिए, सेवन से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

    राम ना हो तो 15-15 मिनट के अन्तर से 2-3 बार दे सकते हैं।

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