आज हम आपको मूत्र के रंग के बारे में बताएँगे की कौन सा रंग आपकी सेहत के बारे में क्या कहता है। क्या आपने कभी गौर किया है मूत्र का रंग एक जैसा नहीं होता, यह हमेशा बदलता रहता है। लेकिन यह बदलता रंग आपको आपकी सेहत के बारे में कई महत्त्वपूर्ण जानकारिया देता है। कई बार ये किसी बीमारी का संकेत होता है तो कभी अच्छी सेहत का। आज हम आपको बताएंगे मूत्र का रंग से सेहत का हाल पता करने की जानकारियां तो चलिए देखते है।

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1.पिंक या रक्तवर्ण : अगर आपने हल ही में चुकंदर या रेवाचीनी खाई है कोई बात नहीं लेकिन अगर नहीं खाई है तो यह मामला खतरनाक हो सकता है। यह रंग मूत्र में खून की मात्रा होने से हो सकता है। आपको किडनी, प्रोस्टेट या ट्यूमर की बीमारी हो सकती है। तुरंत डॉक्टर को दिखाए।
2.बहुत हलके पीले रंग : आप बिल्क़ुल स्वस्थ हैं।
3.पारदर्शी पीला : आपकी सेहत सामान्य है।

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4 गहरा पीला : सामान्य लेकिन आपको तुरन्त पानी पीना चाहिए। आपके शरीर में पानी की थोड़ी कमी है।
5.हल्का लाल या शहद के रंग का : आपके अन्दर पानी का कमी हो गयी है। जल्द से जल्द पानी पीजिये।
6.सिरप या ब्राउन : आपको लीवर का समस्या हो सकती है। डॉक्टर से संपर्क करे।
7.बेरंग या पारदर्शी : आप कुछ ज्यादा ही पानी पी रहे है, शारीर में जाने वाली पानी की मात्र को थोडा कम करें।

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8.हरा रंग : यह बहुत ही दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी का लक्षण हो सकता है। लेकिन ये किसी दवा या खाने की चीज से भी हो सकता है। अगर ये कुछ दिन तक रहता है तो अपने डॉक्टर को दिखाए।
9.ज्यादा मात्रा में सफ़ेद झाग : थोड़े झाग जरुरी होते हैं लेकिन अगर ये ज्यादा हैं तो इसका कारण आपके खाने में ज्यादा प्रोटीन हो सकता है।

वीर्य शोधन चूर्ण के इस्तेमाल से शीघ्रपतन, प्रियअंग का ढीलापन, धातु दुर्बलता, शारीरिक दुर्बलता, शुक्राणुओं की कमी, मर्दाना ताकत, कामेच्छा और काम-शक्ति की कमी (पुरुष इन्द्रिय की दुर्बलता) , वीर्य की कम मात्रा या वीर्य का पतला होना ,प्रियअंग में तनाव ना होना आदि से छुटकारा मिलता है, यह वीर्य के दूषित तत्वों को दूर करता है। इसके सेवन से स्तम्भन शक्ति बढ़ती है .
वीर्य शोधन चूर्ण जादुई व गुणकारी नुस्खा है। कम से कम 60 दिन नियमित रूप से सेवन करने पर धातु शुद्ध और पुष्ट होती है, शुक्र की वृद्धि होती है, शुक्र गाढ़ा होता है तथा स्वप्न दोष तथा शीघ्रपतन जैसी व्याधियां गायब हो जाती हैं। यह नुस्खा परीक्षित है। हानिकारक आहार-विहार का त्याग और उचित आचरण का पालन करते हुए वीर्यशोधन चूर्ण का प्रयोग करें।

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