योग शब्द का संस्कृत में पहली बार इस्तेमाल ऋगवेद में किया गया। यह संस्कृत के शब्द ‘युज’ से बना है, जिसका मतलब है जोड़ना या जुड़ना। विज्ञान भी योग के बारे में यही बात कहता है, लेकिन अलग तरह से। योग कैसे काम करता है, इस पर बॉस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने रिसर्च की है।

शोधकर्ता क्रिस स्ट्रीटर और उनकी रिसर्च टीम कहती है, इंसान का नर्वस सिस्टम यानी मस्तिष्क पूरे शरीर को जोड़ने और स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसमें योग भी अहम रोल निभाता है। आज विश्व योग दिवस है, इस मौके पर जानिए आखिर योग काम कैसे करता है….

डॉ. नुस्खे भीम चूर्ण — अश्वगंधा, शतावरी, मुलेठी, काली मूसली- सफ़ेद मूसली, विदारी कंद , विधारा, अपामार्ग की जड़ , काली तुलसी की जड़ , काली मिर्च , वायविडंग को मिलाकर बनाया हुआ आयुर्वेदिक चूर्ण है जिसका सेवन करने से कमजोर मनुष्य भी ताकतवर बन जाता है और उसका शारीरिक विकास होता है | भीम चूर्ण खासतौर पर यौन ग्रंथियों को मजबूती प्रदान करता है. यह तंत्रिकातंत्र के लिए एक खास पोषक तत्त्व के रूप में काम करता है। ऑर्डर करने के लिए click करें  https://cutt.ly/enLyWzY

वेगस नर्व योग से शरीर को जोड़े रखती है
शोधकर्ताओं के मुताबिक, योग का सीधा असर वेगस नर्व पर पड़ता है। यह शरीर की सबसे लम्बी तंत्रिका है। इसकी शुरुआत मस्तिष्क से होती है और पूरे शरीर में फैली होती है। इसके काम करने का असर हमारे श्वांस तंत्र, पाचन और हृदय पर होता है।

वैज्ञानिकों का कहना है, रिसर्च के दौरान सांस लेने और छोड़ने वाले योग जैसे उज्जयी प्राणायाम के असर को समझने की कोशिश की गई। रिसर्च में सामने आया कि योग करने के दौरान सांस लेने का तरीका वेगस नर्व को उत्तेजित करता है और मजबूती देता है। यानी इसे टोन करता है। इससे हार्ट रेट भीसामान्य बना रहता है।

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सिर्फ इतना ही नहीं, ओम का उच्चारण भी इस नर्व को स्ट्रॉन्ग बनाने का काम करता है और मन को शांत रखता है। ऐसे योग का असर दिमाग तक होता है, इसके जरिए शरीर के कई हिस्सों को फायदा होता है।

क्या होगा अगर वेगस नर्व कमजोर पड़ी तो…
रिसर्च के मुताबिक, वेगस नर्व स्ट्रॉन्ग होने पर तनाव को भी मात दी जा सकती है। पाचन क्रिया में सुधार होता है और हृदय की कार्यक्षमता बेहतर होती है। मूड खुशमिजाज रहता है। इस नर्व के कमजोर होने पर डिप्रेशन, स्ट्रेस डिसऑर्डर, क्रॉनिक पेन और मिर्गी का खतरा बढ़ता है। योग करने से इन रोगों में सुधार दिखता है।

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योग का असर देखना चाहते हैं तो ये बातें ध्यान रखें

  • जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल की योग ओपीडी के प्रभारी डॉ. धीरज जैफ कहते हैं, योग का असर देखना चाहते हैं तो सबसे पहले इसे करने का तरीका समझें। योग करने के दौरान आंखें बंद करकें और ध्यान शरीर के उन हिस्सों पर लगाएं जहां आसन के कारण दबाव पड़ रहा है।
  • योग के दौरान सांस लेने और छोड़ने का तरीके पर नियंत्रण रखें। जब शरीर को फैलाएं या पीछे की तरफ जाएं तो सांस लें। जब शरीर सिकुड़े या आगे की तरफ झुके तो सांस छोड़ते हुए झुकें।
  • योगासन का असर दिखने में वक्त लगता है। यह योग करने का तरीका और किस लिए किया जा रहा है, इस पर भी निर्भर करता है। इसलिए कम से कम खुद को 6 माह का समय और देखें कि असर हो रहा है या नहीं।
  • अगर योग के साथ कोई दवा ले रहे हैं तो इसे बंद न करें। डॉक्टरी सलाह से फैसला लें। यह बात अपने योग इंस्ट्रक्टर से भी बताएं ताकि आसनों में जरूरी बदलाव किया जा सके।
  • योगासन करते हैं तो खाने पर कंट्रोल जरूरी है। अगर अधिक वसा वाला भोजन या जंक फूड या तेज मिर्च-मसाले वाला खाना खाते रहेंगे तो योग का खास असर नहीं होगा।
  • योगासनों को सुबह या शाम कभी भी किया जा सकता है लेकिन ध्यान रखें भरे पेट ऐसा न करें। खाना खाने के 3-4 घंटे बाद या स्नैक्स करने के एक घंटा बाद करें। लिक्विड चीजें जैसे छाछ या चाय ली है तो आधा घंटे का अंतराल जरूरी है। पानी पीने के 15 मिनट बाद योग कर सकते हैं।

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