अकसर कहा जाता है कि टेंशन और स्ट्रेस एक ऐसा दीमक है, जो शरीर को धीरे-धीरे खोखला करता जाता है। ऐसे में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा स्ट्रेस और टेंशन में देखा जाता है। महिलाएं चाहकर भी खुद को इससे दूर नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। स्ट्रेस का सबसे ज्यादा असर महिलाओं के पीरियड्स पर पड़ता है। अनियमित पीरियड्स लगभग हर महिला की परेशानी है। लेकिन इनसे निपटने के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं, बल्कि कुछ घरेलू उपायों से भी इन्हें दूर किया जा सकता है।

1. दालचीनी- अनियमित पीरियड्स को नियमित करने के लिए एलोपैथिक दवाओं की ओर रुख करने से अच्छा है अपनी किचन में ही इसका इलाज ढूंढा जाए। डायटिशियन अनिता लांबा बताती हैं कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री से ही पीरियड्स को नियमित किया जा सकता है। किचन में रखी दालचीनी इसमें रामबाण साबित हो सकती है। पीरियड्स को रेगुलर करने के साथ-साथ इस दौरान होने वाले दर्द से भी बचाने में लाभदायक है। इतना ही नहीं, इसमें मौजूद हाइड्रोऑक्सिचलकोन पीरियड्स के दौरान इन्सुलिन के स्तर को बनाए रखता है।

यूं करें शामिल- आधा चम्मच ताजा पीसी दालचीनी एक गिलास दूध में मिलाएं और इसे नियमित रूप से अपने रूटीन में शामिल करें। अगर आप दूध में डालकर नहीं पी सकते, तो इसे कई दूसरे तरीकों से भी शामिल किया जा सकता है। जैसे- चाय, खाने में ऊपर से डालकर या इसकी लकड़ी को चबा कर अपना रूटीन बना सकते हैं।

2. अदरक या सूखा अदरक (सौंठ)- सौंठ या सूखा अदरक भी पीरियड्स को नियमित करने में सहायक माना जाता है। यह पीरियड्स के फ्लो को सही करने और दर्द को कम करने में लाभदायक होती है। आप इसे कच्चा भी खा सकते हैं या फिर इसका जूस पी सकते हैं। दोनों ही उपाय आपके पीरियड्स समय पर लाने में मदद करेंगे। आप अदरक चाय में डालकर भी अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं।

यूं करें शामिल- अदरक को कद्दूकस करके उसे स्टील के बाउल में रखें। उसमें थोड़ा-सा पानी डालकर गैस पर रखें। इसमें थोड़ी चीनी डालकर पांच मिनट बाद गैस बंद कर दें। गर्मा-गर्म पीएं और ऐसा नियमित रूप से करें।

3. कच्चा पपीता- स्ट्रेस और मोनोपोस के कारण पीरियड्स में होने वाली अनियमितता को दूर करने का रामबाण इलाज कच्चा पपीता है। इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व जैसे आयरन, कौरोटीन, कौल्शियम, विटामिन ए और सी गर्भाश्य की सिकुड़ी हुई मांसपेशियों को फाइबर पहुंचाने का काम करते हैं। कुछ महीने तक कच्चा पपीता खाएं या उसका जूस पीएं और खुद देखें कच्चे पपीते का जादू।

यूं करें शामिल– पीरियड्स आने से कुछ दिन पहले, कच्चा पपीता खाना शुरू कर दे्ं। एक बाउल में पपीते के छोटे टुकड़े काट लें। इसके ऊपर एक चम्मच दही डालें और ब्रेकफास्ट में शामिल करें। कोशिश करें कि इसे नियमित तौर पर ब्रेकफास्ट स्नैक की तरह लें।

4. इमली या खट्टे खाद्य पदार्थ- अपने मासिक धर्म को नियमित रखने के लिए इमली जैसे खट्टे खाद्य पदार्थ अपनी लाइफ में शामिल किए जा सकते हैं। इमली का गुद्दा ऐसे में बहुत ही सही साबित हुआ है।

यूं करकें शामिल- इमली को चीनी के साथ पानी में एक घंटे के लिए भिगो ककर रख दें। अब इसमें नमक, चीनी और पीसा हुआ जीरा पाउडर मिलाएं। इसे टेस्टी और कारगार ड्रिंक को दो दिन में एक बार लें।

6. चकूंदर- डायटिशियन अनिता लांबा का कहना है कि चकूंदर में कई जरूरी पोषक तत्व और आयरन, फॉलिक एसिड आदि पाए जाते हैं, जो अनियमित मासिक धर्म को नियमित करने में कारगर साबित होते हैं। यह हार्मोन्स के संतुलन को सही करने में मदद करते हैं, इसलिए कोशिश करें की नियमित रूप से चंकूदर आपकी डाइट में शामिल हो सके।

यूं करें शामिल- चकूंदर सेहत और पीरियड्स दोनों के लिए बेस्ट माना जाता है। आप इसे कई तरीकों से अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं। सलाद, सब्जी या इसका जूस निकाल कर पी सकते हैं। साथ ही, दही में चकूंदर को कद्दूकस करके भी डाल सकते हैं।

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चर्बी कम करने में सहायक – आजकल हर दूसरी महिला अपने बढ़े हुए वजन या मोटापे से परेशान है। लेकिन आपकी इस समस्या का हल भी सूरजमुखी के बीज के पास मौजूद है। सूरजमुखी के बीजों में मैग्नीशियम प्रचूर मात्रा में मौजूद होता हैं। जिसकी वजह से न सिर्फ आपका दिल सेहतमंद बना रहता है बल्कि शरीर से विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकलकर आपकी बॉडी को डिटॉक्‍स करते हैं। इतना ही नहीं इसके बीज बॉडी से अतिरिक्त वसा कम करके शरीर के मेटाबॉलिज्‍म को भी बढ़ाते हैं।

मोटापा कम करने के लिए हल्दी, नीबू, पुदीना, तुलसी और अदरक को आपस में मिलाकर चटनी बना लें। इसका नियमित सेवन करें, मोटापे पर काबू पाने में सफलता मिलेगी।

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कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं सूरजमुखी के बीज – सूरजमुखी के बीज खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के साथ आपकी भूख को भी कम करने में सहायक हैं। जिसकी वजह से शरीर को संतृप्‍त करने में मदद मिलती है और आप भरा हुआ महसूस करते हैं।

पाचन के लिए फायदेमंद – सूरजमुखी के बीज का सेवन करने से पाचन तंत्र का स्‍वास्‍थ्‍य अच्छा बना रहने में मदद मिलती है। सूरजमुखी के बीजों में मौजूद एंजाइम पाचन रस के स्राव को नियंत्रित करते हैं और शरीर से अनावश्यक विषाक्त पदार्थों को खत्म करते हैं। इससे कब्ज की समस्या भी दूर रहती है।

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वर्कआउट के लिए अच्छा है – सूरजमुखी के बीजों में थियामिन (विटामिन बी 1) मौजूद होने की वजह से यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ ब्‍लड सर्कुलेशन अच्छा करने और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है। वर्कआउट के बाद मुट्ठी भर सूरजमुखी के बीजों का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

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गुड़ घी का सेवन- गुड़ और घी का सेवन करने से साइनस से पीड़ित रोगियों को लाभ और शरीर को ठंड से बचाने में मदद मिलती है। गुड़ का सेवन शरीर को गर्म रखने के साथ खांसी और सर्दी से भी बचाव करता है। जबकि घी कब्ज को रोककर शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता  है।

कुल्‍थी दाल- कुल्‍थी दाल न सिर्फ गुर्दे की पथरी को रोकने में मदद करती है, बल्कि सर्दियों में त्वचा और खोपड़ी को हाइड्रेटेड और पोषित रखने में भी मदद करती है। 

मक्‍खन- मक्‍खन या घी से शरीर को आवश्यक वसा मिलती है। इसका सेवन करने से पाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से कार्य करती है। विटामिन डी की कमी से जूझ रहे लोगों को अपने आहार में मक्खन या घी को शामिल करना चाहिए।

अच्छी नींद लें – सही समय पर उठने के लिए अच्छी नींद लेने की आवश्यकता है। इसलिए देर रात तक मूवी न देखें, बात न करें, लेट नाइट पार्टी या डिनर न करें। अगर आप नौकरी पेशा वाले हैं तो भी रात में 10 बजे तक सो जाने की कोशिश करें।

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संतुलित आहार लें – संतुलित आहार लेने वाले व्यक्ति का मन भी हरा भरा रहता है। इसलिए अगर संभव हो तो ऑर्गेनिक फल व सब्जियों का सेवन करें। शहर में नहीं मिल रही है तो कम से कम फ्रेश चीजों को खाएं। पैकेज्ड फूड्स, मांसाहारी खाना, जंक फूड्स, शराब, सिगरेट, भांग-गांजा इत्यादि का सेवन न करें।

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डिप्रेशन की आयुर्वेदिक दवाईयां – डिप्रेशन की आयुर्वेदिक दवाईयों को लेने से पहले किसी आयुर्वेदाचार्य या जानकर से सलाह लें। उनके सुझाव के बगैर कोई भी दवाई या उपचार करने से बचें। यहां पर कुछ दवाईयों के बारे में बता रहा हूं कि जो कि डिप्रेशन के प्रारंभिक अवस्था में ली जा सकती हैं।

जीवन में संतुलन बनाएं – आप अपने जीवन को संतुलित करने की सोचें। अपने लाइफस्टाइल को बैलेंस करके आप डिप्रेशन को दूर कर सकते हैं या खुद को डिप्रेशन से बचा सकते हैं। यह मामला लाइफस्टाइल से जुड़ा है इसलिए अपने जीवन में संतुलन बनाए रखें। 

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डायबिटीज में लाभकारी – हल्दी डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी है। इसके लिए हल्दी को  एक चम्मच आंवले के रस, एक चम्मच शहद और एक चम्मच गिलोय के रस के साथ मिलाकर पिएं।

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गेहूं के जवारे- गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण समाए होते हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी मिटा सकता है। इसके रस को ग्रीन ब्लड के नाम से भी जाना जाता है। गेहूं के जवारे का आधा कप ताजा रस रोगी को रोज सुबह-शाम पिलाने से डायबिटीज में लाभ होता है।

करेला – करेले में इन्सुलिन-पोलिपेपटाइड पाया जाता है, साथ ही ये एक ऐसा बायो-कैमिकल तत्व है जो ब्लड-शुगर को कम करने में कारगर है। इसीलिये प्राचीन काल से करेले को मधुमेह की औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। एक सप्ताह में कम से कम एक बार करेले की सब्जी खाएं।

बेहतर परिणामों के लिए खाली पेट करेले का जूस पियें।पित्त की पथरी में परहेज पित्त की पथरी से पीड़ित लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि तला हुआ भोजन, फ्राइड चिप्स, उच्च वसा वाला मांस जैसे बीफ और पोर्क, डेयरी उत्पाद जैसे क्रीम, आइसक्रीम, पनीर, फुल-क्रीम दूध से बचना चाहिए। इसके अलावा चॉकलेट, तेल जैसे नारियल तेल से बचा जाना चाहिए। मसालेदार भोजन, गोभी, फूलगोली, शलजम, सोडा और शराब जैसी चीजों से एसिडिटी और गैस का खतरा होता है, इसलिए ये चीजें भी ना खाएं

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